मेरी स्वीटू
चाँदी सा मुखड़ा है
बिजली सी मुस्कान
नहीं नहीं वो मासूम नहीं है
गुड़िया बहुत करती परेशान
दिनभर करती मनमानी
थोड़ा सा खाना खाएगी
और चिल्लाए पानी- पानी
दो साल की नटखट लाड़ो
जब हो जाए गुस्सा
मुँह फुला गोलगप्पे जैसे
मारेगी मुक्का – मुक्का
कान पकड़कर अपने मैं
जब खूब करूँ चिरौरी
प्यारी स्वीटू गुस्सा मत हो
आ खेले आँख – मिचौली
खूब कराए जतन मुझसे
मनवाए अपनी बातें सारी
मोबाइल रख जरा सा मैं
हो जाऊँ यहाँ – वहाँ
लाइक – अन लाइक
कमेंट – समेंट
हो जाते सारे जहाँ – तहाँ
करती घरभर खूब उधम
नहीं किसी की सुनती है
मुझे सताने की गुड़िया ने
जैसे खाई हो कोई कसम
बहुत प्यार है उसको मुझसे
मम्मा- मम्मी कहती है
मेरे जीवन का हिस्सा है वो
सदा मेरे ह्रदय में बसती है