– मेरी सादगी को मेरी नाकाबलियत समझने वाले –
मेरी सादगी को मेरी नाकाबलियत समझने वाले –
में सीधा साधा भोला भाला,
अपने दादा की विचारधारा वाला,
भारतीय सभ्यता संस्कृति को मानने वाला,
मुझे यह आधुनिकता में रमने वाले,
गंवार, बेकार समझने वाले,
में अपने माता -पिता अपने पूर्वजों का मान रखने वाला,
आजकल की पीढ़ी व्यर्थ खर्चे में पड़ रही,
कर्जदार हो रही
क्या जरूरत है लोगो को बताने की,
व्यर्थ में कर्ज का बोझ बढ़ाने की,
होगा नही ना ही होगा इस दुनिया में मेरे जैसा,
यह बात सुन लो ए मेरी सादगी को मेरी नाकाबलियत समझने वाले,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान