मेरी सहचरी
****** मेरी सहचरी *****
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मंदाकिनी सी है मेरी सहचरी
निर्झरिणी सी है मेरी सहचरी
चाँद सी शीत,शालीन,शांत है
भानु सी तपे ,पर हरा पात है
कथनी करनी है मेरी सहचरी
निर्झरणी सी है मेरी सहचरी
धूप छाँव में सदैव साथ चले
संकटकाल में भी न मन चले
जीवनसंगिनी है मेरी सहचरी
निर्झरिणी सी है मेरी सहचरी
दुख सह के भी रहती बढ़ती
खुश दिखे, चाहे रहती मरती
सुखदायिनी है मेरी सहचरी
निर्झरिणी सी है मेरी सहचरी
कुर्बानी की जिंदा मिसाल है
घर परिवार उससे निहाल है
बलिदानी सी है मेरी सहचरी
निर्झरणी सी है मेरी सहचरी
दिल के भाव दिल में रखती
जिंदादिली से लड़ाई लड़ती
विहंगनी सी है मेरी सहचरी
निर्झरणी सी है मेरी सहचरी
फूलों सी सदैव महकती रहे
खुशियां से झोली भरती रहे
चंदा की चाँदनी मेरी सहचरी
निर्झरिणी सी है मेरी सहचरी
मनसीरत मन मांगी मुराद है
मिटाती मेरे मन के विषाद है
दुखहरणी सी है मेरी सहचरी
निर्झरिणी सी है मेरी सहचरी
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)