मेरी राह
मेरी राह
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इल्जामों की फेहरिस्त लंबी है लेकिन
मेरी हरकतों के पीछे कोई फलसफा तो होगा
मंजूर नहीं बहुत सी खूबसूरत बातें मुझे
शायद मेरा मकाम दुनिया से जुदा होगा
जो तुम पसंद करते हो मैं क्यों उसी राह पर चलूं
मेरा अपना भी तो कोई तरीका ए बयां होगा
मेरा वजूद इतना भी आसान नहीं दोस्त
मेरा हर कदम भला क्यों तेरी राह पर होगा
प्यार होता है या लोग कर लेते है
दीवाना ही होगा जो बिना वजह फना होगा
रचयिता
शेखर देशमुख
J-1104, अंतरिक्ष गोल्फ व्यू -2
सेक्टर 78, नोएडा (उ प्र)