मेरी मुहब्बत
अब मेरी मुहब्बत ज़वा हो रही हैं!
ये इशारो इशारो में बया हो रही हैं!
वो निगाहे मिलाना वो नज़रे उठाना!
तेरा शर्मो हया से नज़र फ़ेर जाना!
इशारो मे हम से जो हाँ हो रही हैं!
अब मेरी मुहब्बत ज़वा हो रही हैं!
वो हँस के तेरा मुझसे दामन छुड़ाना!
आके करीब हम से फ़िर दुर जाना!
तेरी मस्त ये अदा जानेजां हो रही हैं!
अब मेरी मुहब्बत ज़वा हो रही हैं!
मैं कहता हूँ सब से तेरा हूँ दीवाना!
डरता नहीं अब क्या कहेगा ज़माना!
खुदा की खुदाई मेहरबा हो रही हैं!
अब मेरी मुहब्बत ज़वा हो रही हैं!
-Anoop S