मेरी माँ तू प्यारी माँ
मेरी माँ तू प्यारी माँ
अच्छी भोली न्यारी माँ।
तूने मुझ को जन्म देकर
धरती पर अवतरित किया
अपना अमृत दूध पिलाकर
अपार शक्ति और बल दिया
मुझ पर अपना प्यार लुटाती
ऐसी प्यारी प्यारी माँ।
मेरी माँ तू प्यारी माँ
अच्छी भोली न्यारी माँ।
जब मैं कोई शरारत करता
माँ तु गुस्सा हो जाती है।
और गुस्से का रूप बनाकर
मुझे अपने पास बुलाती है।
जब मैं पास नहीं आता तो
तु राजा बेटा कहती माँ।
मेरी माँ तू प्यारी माँ
अच्छी भोली न्यारी माँ।
जब मैं रूठ कर मुँह फुलाता
माँ तु मुझे मनाती हैं।
छोटी सी मुस्कान पाने को
कितने जतन तू करती है।
तरह-तरह के लालच देकर
मुझको तु बहलाती माँ।
मेरी माँ तू प्यारी माँ
अच्छी भोली न्यारी माँ।
लुका छुपी खेल खेल में
मैं कहीं छुप जाता हूँ
बहुत ढूंढने पर भी जब मैं
तुझे नहीं मिल पाता हूँ
तब तू कितना चिंतित हो
प्यार से मुझे बुलाती माँ।
मेरी माँ तू प्यारी माँ
अच्छी भोली न्यारी माँ।
मैं दिन में विद्यालय जाता
और तू खेत पर जाती है।
खेत पर काम करते करते
तू भविष्य मेरा बूनती है।
शाम को घर आते ही पहले
मुझको गले लगाती माँ।
मेरी माँ तू प्यारी माँ
अच्छी भोली न्यारी माँ।
देर रात तक जब कभी भी
नींद मुझे नही आती है।
तब तू प्यार से लोरी सुनाती
मन मेरा बहलाती है।
तेरी प्यारी लोरी सुनकर
मैं पल में सो जाता माँ।
मेरी माँ तू प्यारी माँ
अच्छी भोली न्यारी माँ।
दुनिया में माँ और बेटे का
रिश्ता बड़ा निराला है।
माँ बेटे की भगवान है और
बेटा माँ का दुलारा है।
तू मेरी है भोली मैया और
मैं हूँ तेरा लाल माँ।
मेरी माँ तू प्यारी माँ
अच्छी भोली न्यारी माँ।
– विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’