मेरी महफिल
मेरी महफिल मे वो आई तो रोशनी आई
चाद मैं भी नहीं वो चाँदनी आई
मुझको लगता हैं भगवान ने तोड़ दिया उस साचे
जिस मे ढल तुम इस दुनिया मे आई
मेरी महफिल मे वो आई तो रोशनी आई
चाद मैं भी नहीं वो चाँदनी आई
मुझको लगता हैं भगवान ने तोड़ दिया उस साचे
जिस मे ढल तुम इस दुनिया मे आई