मेरी बेटी
कभी ठुमक ठुमक, कभी मटक मटक
वो सारे घर में चलती है
कभी माँ, कभी मम्मा, कभी मम्मी जी
मुझको हर वक़्त बुलाती रहती है ||
मेरी नन्ही सी परी, मेरी प्यारी परी
मुझको बहुत प्यार करती है
गलती हो जाए गर उस से तो
थोडा तो, मुझसे डरती है ||
डांट पड़ती है जब उसको मुझसे
तो गंगा जमुना उसकी आँखों से बहती है
रोती रहती है तब बस वो
बोल कर कुछ न कहती है ||
सांस ऊपर की ऊपर नीचे की नीचे
उसकी अटकी रहती है
चैन नहीं तब तक पड़ता उसको
जब तक लाड (प्यार ) न मुझसे कर लेती है
फिर धीरे – धीरे , वो होले – होले
मेरी गोदी में सिमटती जाती है
फिर सकूं मिलने के बाद
पहले सी चंचल हो जाती है ||
वो चंचल परी ,वो नटखट बड़ी
मेरी बेटी , मेरी प्यारी सी गुडिया है
सदा आशीष रहे भगवान् की उसपर
बस यही , मेरी दुआ है
हरदम यही मेरी दुआ है ……
Amita Gupta Magotra
Maulik rachna