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16 May 2024 · 1 min read

मेरी बिटिया बड़ी हो गई: मां का निश्चल प्रेम

मेरी बेटी बड़ी हो गई,
साथ मेरे खड़ी हो गई!!
बस डांट देती मुझे ऐसे,
मेरी वो सहेली हो गई!!

पहन लेती हूं मैं कुछ तो भी,
बेतुके कपड़े, गहने, ज़ेवर भी,
डांटती, कहती है पूरे हक़ से,
मैं दिलाऊं तुम्हें कुछ ढंग के!!

हो जाती हैं नाराज मुझसे,
मैं फिर करती हूं बात उससे!!
कुर्ती पहन रखी इतनी बड़ी,
जी लो खुद के लिए दो घड़ी!!

मेरी हर कमी पूरी हो गई,
मेरी बेटी अब बड़ी हो गई!!
दुनियां से लड़ेगी मेरे लिए,
मेरे कंधे से भी ऊंची हो गई,
बिटिया मुझसे समझदार हो गई!!

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

Language: Hindi
37 Views
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