मेरी बात
1
वो जो मेरी हर इक बात तुझे नहीं सुहाती थी
आज वही तुझको सब बात भांति हैं
2
कह देता हूं बेझिझक गर कचोटती है कोई बात
वरना हम तो अदब से सुनते हैं सब की बात
3
उम्मीद और इंतजार सदैव बरकरार रखना
कभी भी वो और वो वक्त आ सकता है
1
वो जो मेरी हर इक बात तुझे नहीं सुहाती थी
आज वही तुझको सब बात भांति हैं
2
कह देता हूं बेझिझक गर कचोटती है कोई बात
वरना हम तो अदब से सुनते हैं सब की बात
3
उम्मीद और इंतजार सदैव बरकरार रखना
कभी भी वो और वो वक्त आ सकता है