मेरी बहन आसिफा की आवाज़
मेरी बहन आसिफा की आवाज़
माँ मुझे बता दे तु इतना
कया कमी थी मुझ में माँ,!
मुझे बहुत तडपाया था माँ
पता नहीं मुझे उन अन्जानो ने
मैं रोकर तुझको याद करू माँ,
मेरे साथ में कोई नहीं!!
हर वक्त बदलता है ना माँ,
जो आज मेरे साथ में ये हुआ!!
यदि न्याय मुझे ना मिला तो माँ,
जानवर आजाद हो जाऐगें,!
कल उनके साथ भी ये होऐगा
जो मसरूफ़ है अपने कामों में,!!
मैं दिल से रोकर फिर बोली,
मुझे इतना तो बतला दो ना,!
क्या गलती मैने कर दी थी माँ,
जो सजा मुझे माँ ये मिली!!
ना हिन्दु ना मुस्लिम की बाते
अन्जान थी मे इस खेल से,!
मैं निकली थी खुशी से घर से,
फिर दुख मे माँ में कयों लोटी,!!
माँ मुझे इतना बता दे तू,!
कया कमी थी मुझ में माँ,
जो सजा मुझे माँ ये मिली,!!!
क्या लिखूं में उन जालिमों को लेकर,
जो उसको ऐसा तडपाया,
बर्फ भी तोबा कर गई होगी,,,
जमीं भी चिल्लाई होगी,!!!
हर भारत के लोगों से कहना,
में रोकर भी चिल्लाई थी,!
कयों आंख बन्द तुमने भी करली,,
कयों आवाज मेरी भी ना सुनी,!!
माँ मुझे बता दे तू इतना,
क्या कमी थी मुझ में माँ,,!
मुझको ऐसा तडपाया था माँ,,
माँ दर्द तूम्हे बता ना सकी,!!
सुन लो सुन लो ये
लेखक- सलमांन खानं ( 9050532716)