मेरी प्रेम गाथा भाग 1
मेरी प्रेम गाथा
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जवाहर नवोदय विद्यालय में छट्ठी कक्षा पास करने के उपरांत सातवीं कक्षा में पहुंच गया था और अगली कक्षा में पहुंचते ही मित्र मंडली में बढोतरी हो गई थी जबकि विद्यालय की उस से पहली खक्षि खुद तक सीमित रहने के कारण व घरवालों एवं ग्रामीण आंचल की याद के कारण बीता वर्ष नीरस और निराशाजनक बीता ।अब विद्यालय की गतिविधियों एवं क्रियाकलापों में भाग लेने लगा थि।इससे भी ज्यादा खुशी का विषय थि कि आब छठी कक्षा के विद्यार्थियों के रूप में मेरे भी जुनियर आ गए थे और इस आत्मविश्वास में बढोतरी हुई थी।पढाई के साथ साथ में खेलों में भी अच्छा था विशेष कर एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में भाग लेना भी शुरू कर दिया था और अपने अरावली सदन को कई विधिओं में जीतवाया था,परिणामस्वरूप मैं सभी अध्यापकों की नजरों में छा गया था और खेल क्रीड़ा के शिक्षक की छत्रछाया के कारण विशेष सुविधाएं मिल जाती था।संगीत में विशेष रूचि होने के कारण एक अच्छा गायक होने के कारण संगीत के अध्यापक का भी विशेष आशीर्वाद मिलने लगा था।विद्यालय मेंहोने वाले कार्यक्रमों में मैंनें गाना शुरू कर दिया थि।आवाज अच्छी होने के कारण सभी का प्रिय बनता जा रहा था।और हसन सर ने तो मुझे कुमार सानू के नाम से पुकारना शुरू कर दिया था।और विद्यालय के कुमार सानू पता ही नहीं चला कब सातवीं कक्षा उतीर्ण कर आठवीं कक्षा में पहुंच गया था।