मेरी प्रथम शायरी (2011)-
ज़िन्दगी क्या है जीकर पता चला |
दर्द क्या है ज़ख्मो को सीकर पता चला ||
और वो ज़हर था जिसका मुझे जाम दिया |
बच तो जाते मगर पीकर पता चला ||
ज़िन्दगी क्या है जीकर पता चला |
दर्द क्या है ज़ख्मो को सीकर पता चला ||
और वो ज़हर था जिसका मुझे जाम दिया |
बच तो जाते मगर पीकर पता चला ||