मेरी प्यारी बेटी नन्ही परी
मेरी प्यारी बेटी नन्ही परी
मां की कोख में हिलती डुलती परी।
इंसान के मशीनों से घिरी।
आवाज़ों की पुकार ,पापा के दुलार।
संसार में आने की इंतजार करी।
मेरी प्यारी बेटी नन्ही परी।
हाथ का हिलना ,पैर का डुलना।
चिकती चिल्लाती रोती परी।
दूध को पीना,आराम करना।
हल्की हल्की गालो में मुस्कुराना।
सबको सुंदर लगती दुलारी।
मेरी प्यारी बेटी नन्ही परी।
गोलमटोल गाल उनका,
प्यारी प्यारी आंख ।
छोटे छोटे हाथ पैर उनके।
सुंदर सुंदर नाख।
पापा के पास चुपचाप रहती।
मम्मी को बहुत सताती।
मेरी प्यारी बेटी नन्ही परी।
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रचनाकार कवि डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना, बिलाईगढ़, बलौदाबाजार (छ. ग.)
8120587822