* मेरी प्यारी नानी *
* मेरी प्यारी नानी *
मुझे लगती बड़ी ही प्यारी मेरी प्यारी नानी…..
कुछ अलग थलग सी है हमारे रिश्ते की कहानी ।
एक अनकहा – सा किस्सा है वो हम दोनों का,
जिसके सपनों पर लिखी है एक नई जिंदगानी ।
मेरे सुख सपनों में ना रह जाए कहीं कमी कोई
उसने बिना सोए कई रातों की भी दी है कुर्बानी ।
मेरे साथ खेल में वो एक बच्ची सी बन जाती है,
और बातों में करती रहती है हर बार नई शैतानी ।
हर वक्त उसकी उंगलियां उलझती रहती है ऊन से,
गर्मी में भी मेरे स्वेटर बुनती रहती है वो दीवानी ।
खड़ी होती है परछाई सी साथ मेरे वो हर बार,
चाहे मम्मी की डांट हो या हो कोई भी परेशानी ।
मुझे सुनाती है वो बड़े प्यार से अपने किस्से पुराने,
उनमें ही शामिल होती है बचपन और जवानी ।
संस्कारी ओर सादा जीवन है उनकी पहचान,
मेरे लिए तो बस धरती पर मेरी तो भगवान है नानी ।
मुझे लगती बड़ी ही प्यारी मेरी प्यारी नानी…..