मेरी पोती मेरा अभिमान (गीत)
मेरी पोती मेरा अभिमान (गीत)
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दादा जी बोले मेरी पोती मेरा अभिमान
(1)
जब यह जग में आई तब थी मंद-मंद मुस्काती
रोने की आवाज सुनी तो लगता जैसे गाती
तड़प रहे थे इसकी वाणी को सुनने को कान
(2)
स्वर्ण-पात्र से मधुमय इसको ‘ओम’ नाम चखवाया
जीवन का शुभ मंत्र ज्ञान का परिचय इसने पाया
देवलोक की परी तुम्हारी धन्य – धन्य मुस्कान
(3)
यह लड़कों से चार कदम आगे बढ़कर जाएगी
बुद्धिमान यह लोहा दुनिया-भर में मनवाएगी
पढ़-लिख कर पाएगी यह ,सारे जग में सम्मान
दादा जी बोले मेरी पोती मेरा अभिमान
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रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 6154 51