मेरी परी
मेरी प्यारी परी
सच मे तुम परी ही थी
जब तुम्हारी आने की दस्तक हुई
हमसे ज्यादा खुश कोई नही था
तुम्हारे आने से पहले झूला ले लिया था हमने
और कुछ खिलोने भी
मेरी प्यारी परी
सच मे तुम परी ही थी
जब तुम्हारी आवाज कानो पर पड़ी
तब तुम्हारे रोने पर हम हसे थे
तुम्हारा पहला खिलौना आज भी हमारे पास है
मेरी प्यारी परी
सच मे तुम परी ही थी
कितने घुमे थे हम तुम्हारे साथ
कितनी मस्ती करते थे हम मिलकर
मेरी साथ तुम पढती भी थी
तुम्हे मे अपने साथ सिखाती भी थी
मेरी प्यारी परी
सच मे तुम परी ही थी
तुम इतने कम वक़्त के लिए साथ हो
हम नही समझ पाये ये
नाना नानी दादा दादी का प्यार नही दे पाये तुम्हे
मेरी परी तुम हमारी ज़िंदगी मे रोज डे के दिन आई
और गई भी उस दिन जब
सारा शहर काफिला पीछे था
शहीद अमित ठेगे को जहाँ सलामी दे रहे थे
तब हमें लग रहा था
सब हमारे परी को याद कर रहे है
तुम्हारी जाने के बाद हम तो जीना ही भूल गये थे
कितने खत लिखे मेने तुम्हे बापिस आने के लिए
पर मेरी परी ज्यादा ही गुस्सा थी मुझसे
दिन रात आंसू मे ही थे हमारे
खबर आई की तुम आ रही हो
तुम आई ही नही अपने भाई को पहुचा दिय़ा
शायद इसलिये की तुम जानती थी
मुझे पहला बच्चा लडका चाहिए था
इसी बात की सजा दी थी ना मुझे
सब कहते थे तुम लोगो की किस्मत मे लड़की नही हैं
जो अगर होती तो जाती ही नही
पर मुझे भरोसा था की तुम आओगी
साल गुजरते गये लगा अब तुम आओगी
पर सबने मना किया की अभी नही
मेरा दिल नही माना पर
इस बार तुम 13 की जगह 24 फरवरी को आई
खोकर पाना किसको कहते है समझा गई
तुम्हारा बहुत बहुत धन्यवाद हमारे ज़िंदगी मे आने के लिए
मेरी लिए तो तुम यही हो ….मेरी परी