मेरी निंदिया तेरे सपने …
मेरी निंदिया तेरे सपने …
लोरी (प्रयास)
मनोरमा जैन पाखी
गा गा के सुनाऊँ लोरी तुझे
अपना सा लागे है तू मुझे
सपन सलोने लेकर आये
चंदा देख, गगन मुस्काये।
परियों के देश ले चलूँ तुझे
फूलों की नगरी ले चलूँ तुझे
हो मेरी निंदिया में सपने तेरे
रुई के फाहे संग बादल तेरे ।
थपकी दे के सुलाऊँ तुझे मैं
आजा चंदा ..बुलाऊँ तुझे मैं।
बोझिल पलकें,सपने कल के
निदिंया रानी दिखाये चल के।
चिडि़यों का घर है वो प्यारा
जंगल में रहता कुनबा न्यारा
रेत की सीपी से निकले मोती
आजा लाल, स्वप्न मैं पिरोती।
गुनगुन करके उड़ती तितली
डोले इत उत भँवरा चिकली
कोयल मीठे गीत सुनाती
सोजा चंदा ..तुझे सुलाती
✍️पाखी