Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2022 · 1 min read

मेरी नज़्में

शबनम भी हैं,
शोले भी हैं।
बूंदें भी हैं,
ओले भी हैं
मेरी क़लम से
निकली हुई नज्में!
बारूद भी हैं,
गोले भी हैं!
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
1 Like · 308 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
spam
spam
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*कहाँ साँस लेने की फुर्सत, दिनभर दौड़ लगाती माँ 【 गीत 】*
*कहाँ साँस लेने की फुर्सत, दिनभर दौड़ लगाती माँ 【 गीत 】*
Ravi Prakash
मां शैलपुत्री
मां शैलपुत्री
Mukesh Kumar Sonkar
नरेंद्र
नरेंद्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Santosh Shrivastava
विश्व वरिष्ठ दिवस
विश्व वरिष्ठ दिवस
Ram Krishan Rastogi
माॅं की कशमकश
माॅं की कशमकश
Harminder Kaur
जितनी मेहनत
जितनी मेहनत
Shweta Soni
मिसाल
मिसाल
Kanchan Khanna
एक नई उम्मीद
एक नई उम्मीद
Srishty Bansal
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
Poonam Matia
"सत्ता व सियासत"
*Author प्रणय प्रभात*
कहीं चीखें मौहब्बत की सुनाई देंगी तुमको ।
कहीं चीखें मौहब्बत की सुनाई देंगी तुमको ।
Phool gufran
भीड़ में हाथ छोड़ दिया....
भीड़ में हाथ छोड़ दिया....
Kavita Chouhan
किन्तु क्या संयोग ऐसा; आज तक मन मिल न पाया?
किन्तु क्या संयोग ऐसा; आज तक मन मिल न पाया?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
बरसात
बरसात
Swami Ganganiya
मैं और दर्पण
मैं और दर्पण
Seema gupta,Alwar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अहसास तेरे होने का
अहसास तेरे होने का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
"जोकर"
Dr. Kishan tandon kranti
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
हरवंश हृदय
There is no shortcut through the forest of life if there is
There is no shortcut through the forest of life if there is
सतीश पाण्डेय
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
My Expressions
My Expressions
Shyam Sundar Subramanian
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
नव वर्ष हमारे आए हैं
नव वर्ष हमारे आए हैं
Er.Navaneet R Shandily
वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
कृष्ण मलिक अम्बाला
सारी तल्ख़ियां गर हम ही से हों तो, बात  ही क्या है,
सारी तल्ख़ियां गर हम ही से हों तो, बात ही क्या है,
Shreedhar
आप करते तो नखरे बहुत हैं
आप करते तो नखरे बहुत हैं
Dr Archana Gupta
Loading...