Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jun 2021 · 1 min read

“मेरी धड़कन”

उसके लिए धड़कती है मेरे दिल की धड़कन।

सोचता रहता हूं कैसे बताऊं उसे अपनी तड़पन।

मोहब्बत के नशे में कैद रहता है मेरा जिया।

इश्क में अपने सीने में नाम उसका गुदवा लिया।

हर एक सांस पर उसका नाम लिख दिया हमने।

उसके ख्यालों में हमारा दिल लगता है झूमने।

मोहब्बत के जहां को हमने खूब हंसी बना लिया।

जर्रे जर्रे में अपने आपको उसमें समा लिया।

एक कसक है कहीं उससे बिछड़ ना जाऊं।

जहां जहां जाऊं बस उसको वहां वहां पाऊं।

अपने दिलबर के लिए सारा जहां छोड़ जाऊंगा।

मोहब्बत की तासीर है हर जगह उसको नजर आऊंगा।

सारी सारी रैना उसकी याद सताती है ।

उसकी महक सारे आलम में बिखर जाती है।

उसके बिना एक पल भी जी नहीं पाऊंगा।

वो ना मिली तो है इस दुनिया से रुकसत हो जाऊंगा।

Language: Hindi
601 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एहसास के सहारे
एहसास के सहारे
Surinder blackpen
गुफ़्तगू हो न हो
गुफ़्तगू हो न हो
हिमांशु Kulshrestha
.
.
*प्रणय*
World Books Day
World Books Day
Tushar Jagawat
अंधा वो नहीं होता है
अंधा वो नहीं होता है
ओंकार मिश्र
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माँ
माँ
Harminder Kaur
उहे सफलता हवय ।
उहे सफलता हवय ।
Otteri Selvakumar
अद्वितीय प्रकृति
अद्वितीय प्रकृति
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
शिक्षक सम्मान में क्या खेल चला
शिक्षक सम्मान में क्या खेल चला
gurudeenverma198
खोया है हरेक इंसान
खोया है हरेक इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
खेलों का महत्व
खेलों का महत्व
विजय कुमार अग्रवाल
"कलम का संसार"
Dr. Kishan tandon kranti
वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
Anis Shah
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
निराशा से बड़ी है आशा जो
निराशा से बड़ी है आशा जो
Sonam Puneet Dubey
कोई क्या करे
कोई क्या करे
Davina Amar Thakral
कभी  विवादों में यूँ रहकर देखा।
कभी विवादों में यूँ रहकर देखा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
3718.💐 *पूर्णिका* 💐
3718.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुण्डल / उड़ियाना छंद
कुण्डल / उड़ियाना छंद
Subhash Singhai
पहचान तो सबसे है हमारी,
पहचान तो सबसे है हमारी,
पूर्वार्थ
57...Mut  qaarib musamman mahzuuf
57...Mut qaarib musamman mahzuuf
sushil yadav
–स्वार्थी रिश्ते —
–स्वार्थी रिश्ते —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
न कोई काम करेंगें,आओ
न कोई काम करेंगें,आओ
Shweta Soni
पिता का गीत
पिता का गीत
Suryakant Dwivedi
"" *मैंने सोचा इश्क करूँ* ""
सुनीलानंद महंत
देवी,शक्ति और जगदम्बा
देवी,शक्ति और जगदम्बा
Chitra Bisht
माना की आग नहीं थी,फेरे नहीं थे,
माना की आग नहीं थी,फेरे नहीं थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खुली पलक में झूठ के,
खुली पलक में झूठ के,
sushil sarna
तुझे किस बात ला गुमान है
तुझे किस बात ला गुमान है
भरत कुमार सोलंकी
Loading...