Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2020 · 1 min read

मेरी दूसरी माँ….मेरी दीदी

मेरी दूसरी माँ….मेरी दीदी

अपनी दीदी का नाम
हम इसलिए जानते थे
क्योंकि हमारे बाबू अम्माँ को
” माधुरी की माँ ” कह कर पुकारते थे
मैं दीदी की भूरी आँखों से डरती थी
कभी निगाह ऊँची नही करती थी
मेरी पलकें झुक जाती थीं
फिर भी वो मेरी आँखें पढ़ जाती थी
अगर दीदी की आँखों से मैं ना डरती
जाने मैं क्या क्या शैतानियाँ करती
मैं तो दीदी से थर थर काँपती थी
बीच वाली बहन बगावत पर उतरती थी
दीदी हद से ज्यादा समझदार थी और है
कुछ ज्यादा ही जिम्मेदार थी और है
नॉवेल पर भी कवर चढ़ा कर पढ़ती थी
हम बिगड़ जायेंगे ये सोच ऐसा करती थी
अपना दुख तो कभी नही कहती है
हमारा दुख भी खुद ले लेती है
मेरी हर बात की ख़बर उसको रहती हैं
मुझसे पहले मेरी परेशानी समझ लेती है
अपने बच्चों से ज्यादा प्यार करती है
इस बात में उदाहरण बन कर उभरती है
मेरी एक आवाज पर दौड़ी चली आती है
मेरे जीने का संबल वो बन जाती है
बहन होकर माँ से ज्यादा प्यार करती है
मेरी झोली में दुनिया का सुख भरती है
दीदी दीदी करते मुँह नही थकता है
सारा जहाँ दीदी पर ही आकर रूकता है
ऐसी खूबसूरत नियामत है ऊपरवाले की मुझ पर
उसके रूप में दूसरी माँ न्योछावर की है मुझ पर ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 08/08/2020 )

Language: Hindi
355 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
हसरतें पाल लो, चाहे जितनी, कोई बंदिश थोड़े है,
हसरतें पाल लो, चाहे जितनी, कोई बंदिश थोड़े है,
Mahender Singh
" सफल होने के लिए "
Dr. Kishan tandon kranti
इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
ruby kumari
है कौन वो राजकुमार!
है कौन वो राजकुमार!
Shilpi Singh
आता जब समय चुनाव का
आता जब समय चुनाव का
Gouri tiwari
आजकल नहीं बोलता हूं शर्म के मारे
आजकल नहीं बोलता हूं शर्म के मारे
Keshav kishor Kumar
तुम - दीपक नीलपदम्
तुम - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
फर्जी
फर्जी
Sanjay ' शून्य'
3506.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3506.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
सच का सौदा
सच का सौदा
अरशद रसूल बदायूंनी
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मेरा दामन भी तार- तार रहा
मेरा दामन भी तार- तार रहा
Dr fauzia Naseem shad
माला फेरें राम की,
माला फेरें राम की,
sushil sarna
शिक्षक सही गलत का अर्थ समझाते हैं
शिक्षक सही गलत का अर्थ समझाते हैं
Sonam Puneet Dubey
उम्रभर रोशनी दिया लेकिन,आज दीपक धुआं धुआं हूं मैं।
उम्रभर रोशनी दिया लेकिन,आज दीपक धुआं धुआं हूं मैं।
दीपक झा रुद्रा
जीवन का मूल्य
जीवन का मूल्य
Shashi Mahajan
Below the earth
Below the earth
Shweta Soni
समझदारी शांति से झलकती हैं, और बेवकूफ़ी अशांति से !!
समझदारी शांति से झलकती हैं, और बेवकूफ़ी अशांति से !!
Lokesh Sharma
हिंदी दोहे विषय- मंगल
हिंदी दोहे विषय- मंगल
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
लड़कियों को हर इक चीज़ पसंद होती है,
लड़कियों को हर इक चीज़ पसंद होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
Rj Anand Prajapati
*चले आओ खुली बाँहें बुलाती हैँ*
*चले आओ खुली बाँहें बुलाती हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
धरा और इसमें हरियाली
धरा और इसमें हरियाली
Buddha Prakash
*राखी का धागा एक बॅंधा, तो प्रिय पावन संबंध जुड़ा (राधेश्याम
*राखी का धागा एक बॅंधा, तो प्रिय पावन संबंध जुड़ा (राधेश्याम
Ravi Prakash
শত্রু
শত্রু
Otteri Selvakumar
सरस्वती वंदना-4
सरस्वती वंदना-4
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
खारे पानी ने भी प्यास मिटा दी है,मोहब्बत में मिला इतना गम ,
खारे पानी ने भी प्यास मिटा दी है,मोहब्बत में मिला इतना गम ,
goutam shaw
सौंदर्य मां वसुधा की
सौंदर्य मां वसुधा की
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बात बहुत सटीक है। आजकल का प्रेम विफल होने का एक मुख्य कारण य
बात बहुत सटीक है। आजकल का प्रेम विफल होने का एक मुख्य कारण य
पूर्वार्थ
Loading...