मेरी दुनिया
तुम परदे लगाते हो अच्छे
मैं चादर लगाता हूं खिड़की में
तुम खुश रहते अकेले में
मैं तो खुश हूं अपनो के दिल में।।
तुम अपनो की सोचते हो
मेरे लिए कोई नहीं है गैरों में
तुम जूते पहनते हो अच्छे
मैं चप्पल पहनता हूं पैरों में।।
तुम इंग्लिश में ही कहते हो
मैं खुश अपनी ठेठ बोली में
तुम हिसाब किताब में परेशान
मैं खुश हूं जो आ जाए झोली में।।
तुम्हारे घर में कमरे कई
हम सब रहते एक ही कमरे में
तुम्हारे घर में जगह बहुत
बहुत जगह है हमारे तो दिल में।।
तुम गाड़ी में आते जाते
हमको भरोसा अपने कदमों में
तुम ए सी में रहने वाले
हमारे तो पसीना रहता बदनों में।।
रोज़ बदलते कई परिधान तुम
मैं तो रहता कई दिन उन्हीं कपड़ों में
तुम मिलते हो महंगे होटलों में
मैं तो मिलता दोस्तों से सड़कों में।।
तुम्हारे घर में जकूजी कई
हम पानी भी पीते मिट्टी के बर्तन में
जीवन मुश्किल से कटता हमारा
तुम तो रहते आए विलासिता में।।
तुम रहने वाले शहरों के
हम रहते है अपने प्यारे गांव में
तुम्हारे पास है सुविधाएं सारी
हमारे तो छाले पड़े है पांव में।।
आ जाओ कभी मेरे घर तुम
देखकर खुशी होगी मेरे मन में
जैसे भी हो तुम खुश रहो
यही दुआ है मेरे इस मन में।।