मेरी दीवाली।
मेरी दीवाली तो
उस दिन होती है
जब जलाये थे तुमने
इस दिल में
चाहत के दिये
ज़िन्दगी पहली बार
मुस्कुराई थी
पतझड़ में जैसे
बहार आई थी
हालांकि खुशियां वो
कुछ पल की थीं
लिखी उसके बाद
जुदाई थी
लेकिन तब से
आज तक
उसी दिन दीवाली
मनाती हूँ
अपने पहले प्यार की
यादों से सजाती हूँ
12-11-2020
डॉ अर्चना गुप्ता