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8 Aug 2017 · 1 min read

मेरी तुम

मेरी तुम
………………..

संग तुम्हारा गीत सा, ज्यों स्वर के संग ताल।।
पहले सब बेरंग था, अब जीवन खुशहाल।।

गीत सदा गाते रहो, सुख सपनों के आप।
भूले से भी आये ना, जीवन मे संताप।।

ताम झाम कैसा सनम, सादा सा यह रूप।
तुम जीवन में आईं यूँ, ज्यों सर्दी में धूप।।

पुण्य पुराने जन्म का, जो मेरी तुम आज।
प्रेम तुम्हारा यूँ मिला, सत्कर्मों का ब्याज।।

रोज़ रोज़ देखूं तुम्हें, हँसते खिलते फूल।
हो दिन मेरा आखिरी, जिस दिन जाऊं भूल।।

हिमगिरि सी बढ़ती रहे, नित्य तुम्हारी शान।
मैं चरणों की धूल सा, तुम मेरा सम्मान।।

तम जीवन का हर लिया, दिया प्रेम एहसास।
तुमने अपनाया मुझे, कर मुझ पर विश्वास।।

विजय बेशर्म
प्रतिभा कॉलोनी गाडरवारा
9424750038

Language: Hindi
621 Views
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