मेरी तहरीर
मेरी तहरीरों में हमारी मोहब्बत का भरोसा लिखा है,
छिपाया कुछ भी नहीं प्यार सारा का सारा लिखा है।
तन्हाई के आलम में जो अश्क़ बनकर बहते हैं मेरे,
गीत ग़ज़लों में हर्फ़ हर्फ़ दर्द ए दिल हमारा लिखा है।
बीते पलों कि ख़ुशबू बन यादों में महकते हैं अहसास,
अधूरे अरमानों के तमाम किस्सों को सहारा लिखा है।
मोहब्बत की कहानी जो खूबसूरत अंजाम ना बन सकी,
डायरी के पन्नों में दर्ज हर हाल ए दिल हमारा लिखा है।
मरासिम ताउम्र रहा तुझसे, ज़ीस्त ए आरज़ू रही तेरी,
मेरी किताबों की तहरीरों में पाक इश्क़ हमारा लिखा है।
© ® उषा शर्मा