मेरी जिंदगी मे तुझसे बढ़कर कोई नहीं
तेरे ख्वाबों को जीता हूं मैं,
तेरे आंसुओं को पीता हूं मैं,
जब तू रोती है ना पगली,
रातों को ना सोता हूं ना जागता हूं मैं,
तेरे लबों की हंसी के लिए बस चलता ही चला गया
जिंदगी के हर एक मोड़ पर एक रिश्ते को बनाता
दूसरे को दफनाता चला गया …
तू खुश रहे सदा इसलिए
अपने दर्द को छुपाता चला गया …
उमेंद्र कुमार