मेरी जिंदगी तो बस चल रही है।
जिंदगी में चल रहा है क्या।
हमें कुछ भी खबर नही है।
बस मेरी जिंदगी चल रही है।
रोज रोशनी फिजाओं में बिखर रही है।
चांदनी निकल ढल रही है।
बस मेरी जिंदगी चल रही है।
रोना आए तो क्या फिर भी हंसते है।
दुनिया वालो से हम अपना गम छिपाए फिरते है।
रोज नए नए सपने मस्तिष्क में पल रही है।
बस मेरी जिंदगी चल रही है।
चल रही है।
रुसवा किसी से कोई नही है।
जो मिला हमें जिंदगी में।
वही सही है।
हम तो खुश अपने सुखी रोटी में हो रहे है।
की कौन क्या कर रहा ।
जानने को न इच्छा मचल रही है।
बस मेरी जिंदगी चल रही।
उड़ते हुए गुब्बारे को छूता है आसमान।
हम तो गुब्बारे को ही छूकर धरती पर ही उड़ रहे है।
लोग जिधर देखो उधर टहल रहे है।
समस्याओं का हल खुद से ही निकल रही है।
मेरी जिंदगी तो बस चल रही है।
दुनिया कितना कुछ रंग बदल रही है।
मेरी जिंदगी तो बस चल रही है।
आनंद है खोया हुआ कही दूर पहाड़ों में।
ये नदी तो खुद के अंदर से निकल रही है।
मेरी जिंदगी तो बस चल रही है।
कुछ पाने को हर रोज मचल रही है।
RJ Anand Prajapati