मेरी ‘जाॅं’
मेरी ‘जाॅं’ होना ना तुम उदास कभी
उदासी छीन लेती है आस सभी
मेरा छोड़ो, मैं दौर ए सुकूँ का राही नहीं
शायद मैं भी लौटूं इस राह कभी
~ सिद्धार्थ
मेरी ‘जाॅं’ होना ना तुम उदास कभी
उदासी छीन लेती है आस सभी
मेरा छोड़ो, मैं दौर ए सुकूँ का राही नहीं
शायद मैं भी लौटूं इस राह कभी
~ सिद्धार्थ