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15 Nov 2018 · 1 min read

मेरी गुरु…मेरी मां

मेरी गुरु,मेरी प्रेरणा…..मेरी मां….

जीवन का पहला पाठ तुम ने ही सिखाया हमको
सही गलत के अंतर को तुमने ही बतलाया हमको

चलना हमको आता ना था अक्सर हम गिर जाते थे
ठोकर खाकर संभलना भी तुम ने ही सिखाया हमको

आंख बंद कर के हम सब पर भरोसा कर लेते थे
अपने पराए का फर्क भी तुम ने ही बतलाया हमको

अक्सर हम अपनी हिम्मत हार जाया करते थे
अपनी बातों से हौसला तुमने हमेशा दिलाया हमको

दर्द में आंसू मेरी आंखों से बेबस छलक जाते थे
दुख में भी मुस्कुराना तुम ने ही सिखाया हमको

क्रोध ईर्ष्या द्वेष भाव हम पर अक्सर हावी हो जाते थे
प्यार से सब का दिल जीतना तुम ने ही सिखाया हमको

रिश्तों की अहमियत से हम बिल्कुल ही अनजान थे
रिश्तों को जोड़कर संभालना तुमने ही सिखाया हमको

वह मेरी प्रेरणा मेरी मार्गदर्शक और मेरा अभिमान है मेरी पहली गुरु मेरी शिक्षिका कोई और नहीं मेरी मां है।
।। जया श्रीवास्तव।।

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 619 Views
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