Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2018 · 1 min read

मेरी ग़ज़ल में

फ़क़त इक हताशा है मेरी ग़ज़ल में |
ग़ज़ल का छलावा है मेरी ग़ज़ल में ||

सदा गूँजती है सिसकने की शब भर |
कोई तो अकेला है मेरी ग़ज़ल में ||

मेरे दिल की धड़कन है क़ाइम अभी तक |
अभी दर्द ज़िन्दा है मेरी ग़ज़ल में ||

जिसे दफ़्न करते हैं हालात मेरे |
वही ख़्वाब पलता है मेरी ग़ज़ल में ||

अभी तेरी महफ़िल के क़ाबिल नहीं मैं |
तमद्दुन का पहरा है मेरी ग़ज़ल में ||

कोई इसमें पाता है जीने का मक़सद |
कोई डूब जाता है मेरी ग़ज़ल में ||

“नज़र” हू ब हू मैं हूँ सानी नहीं है |
जो दिखता ये मुझ सा है मेरी ग़ज़ल में ||

(नज़र द्विवेदी)

239 Views

You may also like these posts

पिता का गीत
पिता का गीत
Suryakant Dwivedi
अमृता
अमृता
Rambali Mishra
सफलता का मुकाम
सफलता का मुकाम
Avani Yadav
गर्मियों में किस तरह से, ढल‌ रही है जिंदगी।
गर्मियों में किस तरह से, ढल‌ रही है जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
अ
*प्रणय*
मेघाें को भी प्रतीक्षा रहती है सावन की।
मेघाें को भी प्रतीक्षा रहती है सावन की।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
" इकरार "
Dr. Kishan tandon kranti
*जन्मभूमि है रामलला की, त्रेता का नव काल है (मुक्तक)*
*जन्मभूमि है रामलला की, त्रेता का नव काल है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मन मेरा दर्पण
मन मेरा दर्पण
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
कमौआ पूतोह
कमौआ पूतोह
manorath maharaj
- मोहब्बत का सफर बड़ा ही सुहाना -
- मोहब्बत का सफर बड़ा ही सुहाना -
bharat gehlot
बदल कर टोपियां अपनी, कहीं भी पहुंच जाते हैं।
बदल कर टोपियां अपनी, कहीं भी पहुंच जाते हैं।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चुनौतियाँ बहुत आयी है,
चुनौतियाँ बहुत आयी है,
Dr. Man Mohan Krishna
आप में आपका
आप में आपका
Dr fauzia Naseem shad
चांद , क्यों गुमसुम सा बैठा है।
चांद , क्यों गुमसुम सा बैठा है।
Radha Bablu mishra
जिसका हक है उसका हक़दार कहां मिलता है,
जिसका हक है उसका हक़दार कहां मिलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बावरा मन
बावरा मन
RAMESH Kumar
*याद है  हमको हमारा  जमाना*
*याद है हमको हमारा जमाना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
Rekha khichi
विषय-बिन सुने सामने से गुजरता है आदमी।
विषय-बिन सुने सामने से गुजरता है आदमी।
Priya princess panwar
ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
Sunil Maheshwari
बीती बिसरी
बीती बिसरी
Dr. Rajeev Jain
मुक्तक
मुक्तक
Sonam Puneet Dubey
सोंच
सोंच
Ashwani Kumar Jaiswal
रफ़्तार
रफ़्तार
Varun Singh Gautam
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
Atul "Krishn"
Chahat
Chahat
anurag Azamgarh
फिर सुखद संसार होगा...
फिर सुखद संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
तुम्हारे प्यार से ही सब कुछ मुझे सौगात मिला !
तुम्हारे प्यार से ही सब कुछ मुझे सौगात मिला !
पूर्वार्थ
टूटते तारे से यही गुजारिश थी,
टूटते तारे से यही गुजारिश थी,
manjula chauhan
Loading...