Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2024 · 1 min read

मेरी खामोशी

माना कि खामोश रहने की मेरी आदत खराब है,
पर मैं तो ऐसा बिल्कुल नहीं मानता,
हाँ! आपको खामोशी की मेरी आदत
क्यों खराब लगती है मुझे नहीं पता
और न ही मैं जानना चाहता हूँ।
क्योंकि मुझे अपने पथ से भटकना नहीं है,
अपना समय व्यर्थ कर लक्ष्य से दूर नहीं जाना है।
बेवजह कहीं भी उलझना नहीं
वाद विवाद कर तनाव लेना या देना नहीं है
आपसी टकराव को भाव नहीं देना है
नियत परिणाम को दुष्परिणाम नहीं बनाना है,
शांति की सरहद पर अशांति का बम नहीं फोड़ना है।
अपनी खामोशी में आपका दखल बर्दाश्त नहीं है
आपकी बदनियत में मुझे फंसना नहीं है,
अपने संबंधों में कटुता का दाग़ नहीं लगाना है,
खामोशी के हथियार का परचम लहराना है
अपनी खामोशी का मुझे इतिहास बनाना है।
खामोशी को उचित मान सम्मान दिलाना है,
मुझे खामोशी को बहाना नहीं बनाना है
आपकी हर चाल को नाकाम करना है,
आपको आइना भी तो दिखाना है
अपने हर मसले का हल खामोशी से पाना है।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
75 Views

You may also like these posts

Don’t worry, the right one won’t leave.
Don’t worry, the right one won’t leave.
पूर्वार्थ
लाल उठो!!
लाल उठो!!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मैं खुद से कर सकूं इंसाफ
मैं खुद से कर सकूं इंसाफ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बेटी लक्ष्मी रूप है
बेटी लक्ष्मी रूप है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
व्यक्ति की सबसे बड़ी भक्ति और शक्ति यही होनी चाहिए कि वह खुद
व्यक्ति की सबसे बड़ी भक्ति और शक्ति यही होनी चाहिए कि वह खुद
Rj Anand Prajapati
তার চেয়ে বেশি
তার চেয়ে বেশি
Otteri Selvakumar
पितृपक्ष में तर्पण
पितृपक्ष में तर्पण
Sushma Singh
हार नहीं जाना
हार नहीं जाना
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
दोहा त्रयी. . . सन्तान
दोहा त्रयी. . . सन्तान
sushil sarna
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
हिमांशु Kulshrestha
आ मिल कर साथ चलते हैं....!
आ मिल कर साथ चलते हैं....!
VEDANTA PATEL
हर रात मेरे साथ ये सिलसिला हो जाता है
हर रात मेरे साथ ये सिलसिला हो जाता है
Madhuyanka Raj
पढ़ने को आतुर है,
पढ़ने को आतुर है,
Mahender Singh
‍ *राम-राम रटते तन त्यागा (कुछ चौपाइयॉं)*
‍ *राम-राम रटते तन त्यागा (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
तुम्हारी आँख से जब आँख मिलती है मेरी जाना,
तुम्हारी आँख से जब आँख मिलती है मेरी जाना,
SURYA PRAKASH SHARMA
तुम बिन जाएं कहां
तुम बिन जाएं कहां
Surinder blackpen
* भावना में *
* भावना में *
surenderpal vaidya
सबके राम
सबके राम
Sudhir srivastava
आदित्य यान L1
आदित्य यान L1
कार्तिक नितिन शर्मा
..
..
*प्रणय*
गांधी जी के आत्मीय (व्यंग्य लघुकथा)
गांधी जी के आत्मीय (व्यंग्य लघुकथा)
गुमनाम 'बाबा'
"ऐसी कोई रात नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
अपने विरुद्ध संघर्ष
अपने विरुद्ध संघर्ष
Rahul Singh
मन मेरे बासंती हो जा
मन मेरे बासंती हो जा
संतोष बरमैया जय
2536.पूर्णिका
2536.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
“मौन नहीं कविता रहती है”
“मौन नहीं कविता रहती है”
DrLakshman Jha Parimal
ऐसी थी बेख़्याली
ऐसी थी बेख़्याली
Dr fauzia Naseem shad
बिखरी बिखरी जुल्फे
बिखरी बिखरी जुल्फे
Khaimsingh Saini
झिलमिल
झिलमिल
Kanchan Advaita
Loading...