मेरी खामोशी
मत रो मेरे दिल छोड़ दे सब वक्त के हाथों में
दर्द तो अपना है अपना लेंगे खुशियां छोड़ दे दूसरो के हाथों में
मत पूछ मेरा दिल ए बया इन हवाओं से
वो भी रो देंगे बारिश बनकर,
दर्दे दिल ब्या करना छोड़ दिया तो क्या,
मेरी खामोशी को भी लोग पढ़ लेते हैं अक्सर,
और रो देते है…..
उमेंद्र कुमार