मेरी क्वीन
दुनिया जिसे चाहे ,बादशाह उसे पसन्द नही करता ,
बादशाह जिसे चाहे ,मिलने को बेताब हो जाये ये दुनिया ,
वह कोई नूर नही बल्कि कोहिनूर है ,
वह अप्सरा नही मेरी दिल की धड़कन है ,
वह कोई जन्नत नही बल्कि मेरी हकीकत है ,
अरे वो मेरी क्वीन है ,और मेरे कलेजा का टुकड़ा है ,
कैसे ना पसन्द आएगी इस दुनिया को , ये प्रजा भी तो बादशाह की है ।