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12 Nov 2018 · 1 min read

मेरी क़लम से

आईना मुझसे अक़्सर ये सवाल करता है
अब इस घर मे कौन तेरा ख्याल करता है ।

कौन सुनता है भला चिखें तेरी नसीहतों की
क्यूँ वेबजह ही फ़िर तू ये ववाल करता है ।

उम्र ढल गई शबो-रोज़ जुगाड़ के ढलानों पर
जो मिला नही उसका तू क्या मलाल करता है ।

तकसीम हो के रह गया तु अपने औलादों में
वक्त भी तूझे अब टूकड़ों में इस्तेमाल करता है

सासों को है अब आखिरी नेमत का इंतज़ार
देखें खुदा किस दिन मुझे मालामाल करता है
-अजय प्रसाद 9006233052

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