मेरी कहानी
एक कहानी मेरी जन्मी
एक फसाना तेरा जन्मा
तेरे आँसू , मेरे आँसू
एक ज़माना फिर से गुज़रा
तू जो बोले , तू जो चाहे
मेरा “अपना आप ” वो पाए
तू ही खुदा , तू ही मानुख
मेरी किस्मत का तू सुख – दुख
तेरी ओट में जीना मुझको
तेरी साँसें पीना मुझको
मैं एक पगली , मैं एक प्यासी
नाम , संजोग की तुझको पाती
कौन ?? तुझे अब ये समझाए
मेरे मन की राह दिखाए
मैं तो तारा ही टूटा था
तेरी चाँदनी से छूटा था
अब ” तू ” चाँद तो ” मैं ” फिर तारा
तेरा तुझ तक पहुँचाने को
मैंने है ये रूप सँवारा ।।।।
सीमा वर्मा