“मेरी कहानी”
कभी फुर्सत से सुनाऊँगा तुम्हें कहानी अपनी इन्हीं पहाड़ो में बैठ कर कहीं,
अभी कुछ पन्ने अधूरे रह गए है उन्हें लिखने दो।
कभी फुर्सत से सुनाऊँगा तुम्हें कहानी अपनी इन्हीं पहाड़ो में बैठ कर कहीं,
अभी कुछ पन्ने अधूरे रह गए है उन्हें लिखने दो।