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12 Jul 2022 · 1 min read

“मेरी कहानी”

कभी फुर्सत से सुनाऊँगा तुम्हें कहानी अपनी इन्हीं पहाड़ो में बैठ कर कहीं,
अभी कुछ पन्ने अधूरे रह गए है उन्हें लिखने दो।

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