मेरी कविता मेरी माँ
यादों कि कश्ती हैं….
दूरियों कि बस्ती हैं…..
खूबियों कि परी हैं…..
नजरों कि भी नजरें हैं…
आँखों कि प्यारी सी कली हैं…..
सुनहरे बालों कि सुनहरी सूंदर सी परी हैं…..
कोयल के जैसे ही मीठी आवाज हैं….
काँटों के जैसे काँटा हैं…..
एक सुनहरे से जीवन में बहुत प्यारी हैं…..
सबकी प्यारी हैं….
घर कि लाडली हैं….
सब दिल को बहुत लुभाती हैं….
ना गम ना दुखियों का साया हैं…..
फिर भी बहुत प्यारी हैं…..
जिंदगी में बहुत अच्छा सिखाती हैं….
हर खुशियों को खुशियों से भरना सिखाती हैं……
हर किसी के लिये नहीं पर आप जैसे अच्छी बातों के लिए कुछ तो हक बनता हैं ना हमारा!!
बहुत बहुत शुक्रिया जो आप रोज अच्छी बातें अच्छे विचार को जीवन में हर किसी न किसी को प्रेरणा देते हैं!!
माँ ही हैं, वो जो सबको ज़िन्दगी में भावुक होकर बड़े ही लाड़ प्यार से रखती हैं!