मेरी कविता
मेरी कविता
आज के युग में
हर किसी के दिल में बहती
दर्द की नदी में
एक रूहानी सुकून देती
राहत की बारिश करेगी
लोगों के सूरज की गर्मी से
जलते बदन को
एक घने पेड़ की छांव देगी
अंगारे से दहक रही होंगी जो
आंखें
उन्हें शांत करेगी
पत्थर हो चुकी होगी जो
आंख
उन्हें नम करेगी
हैवानियत की तरफ
बढ़ रहे होंगे जो कदम
उनकी रफ्तार कम करेगी
इंसानियत का बिगुल
बजायेगी
अच्छाई का सबक
सिखायेगी
जिंदगी को
बेहतर तरीके से जीना
सिखायेगी
बेरंग जीवन के कैनवास पर
रंग भरेगी
साज की बेजान तारों में
सुर फूकेगी
गर्म हवाओं को शीतलता
देगी
सूरज की गर्मी भरे दिन
में नर्मी देगी
इसके गुजर जाने के बाद
रात को चांदनी की
ठंडक देगी
यह कोयल की कूक सी
कूकेगी
तितली सी उड़ती
फूलों पर मंडरायेगी
मेरी कविता
जन जन के
हृदय तक पहुंचेगी
हर किसी को प्रेम
करेगी
हर किसी के दिल का
दरवाजा खटखटायैगी
हर किसी को प्रेम का
सबक पढ़ायेगी
हर किसी को प्रेम करना
सिखायेगी
हर किसी को प्रेम से
जीना सिखायेगी।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001