मेरी कविता
मेरी कविता
मेरी कविता ऐसा एहसास है
जिंदगी की धूप छांव को
कहने का अंदाज है
जो दिल से निकल
छू जाए दिल को
नफरतों के बाजार में
प्यार का पैगाम है
मेरी कविता ऐसा एहसास है
बीते पलों की
एक सुनहरी याद है
सरहदों को तोड़
एकता की आवाज है
कड़वाहट खटास के बीच
चाशनी की धार है
मेरी कविता ऐसा एहसास है
राजनीति और नेताओं पर
एक गहरा प्रहार है
सोए हुए समाज को
जगाने का प्रयास है
दहकते सवालों का
सुलगता सा जवाब है
मेरी कविता ऐसा एहसास है
मंदिर की आरती
मस्जिद की अजान है
कुदरत और मानव के
बीच का संवाद है
समाज का आईना
और जिंदगी की ढाल है
केशी गुप्ता
लेखिका समाज सेविका
द्वारका दिल्ली