मेरी कविता
तूम तोड़ गए….
हम टूट गए….
तूम रुक गए….
हम रुक गए….
तूम मोड़ गए….
हम मूड़ गए….
तूम थम गए….
हम ठहर गए….
तूम आ गए….
हम चले गए….
तूम चुप हो गए….
हम ख़ामोश हो गए…..
“हार्दिक महाजन”
तूम तोड़ गए….
हम टूट गए….
तूम रुक गए….
हम रुक गए….
तूम मोड़ गए….
हम मूड़ गए….
तूम थम गए….
हम ठहर गए….
तूम आ गए….
हम चले गए….
तूम चुप हो गए….
हम ख़ामोश हो गए…..
“हार्दिक महाजन”