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1 Aug 2022 · 1 min read

मेरी कलम

बेख़ौफ़ कलम,
बेबाक कलम
मेरी कलम
आज़ाद कलम!
अंधों की
आंख कलम,
गूंगों की
आवाज़ कलम!!
तुम जाकर कह दो
अपने आकाओं से,
तख्त और ताज के
झूठे ख़ुदाओं से!
मजलुमों का
इंसाफ़ कलम
मजबूरों की
फ़रियाद कलम!!
#शायरी #PenGun #कलमकासिपाही
#releaseallpoliticalprisoners #कवि

Language: Hindi
232 Views
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