मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
कलम की स्याही और विश्वास में बहुत अंतर नहीं होता है, दोनों ख़त्म होता है तो, एक लिखना छोड़ देता तो दूसरा ढूँढना!
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
कलम की स्याही और विश्वास में बहुत अंतर नहीं होता है, दोनों ख़त्म होता है तो, एक लिखना छोड़ देता तो दूसरा ढूँढना!