मेरी कलम बस लिख जाये…………….
चाहे गीत लिखूँ न माता रमणी के श्रृंगारों को
चाहे वर्णन करूँ नहीं कुदरत के हसीं नजारों का
सीमा पर जो हँस हँस गिरते भारत माँ की जय कहकर
मेरी कलम बस लिख जाये उन, शीशों के जयकारों को।
–दीपक गोस्वामी चिराग
बहजोई सम्भल उ प्र