मेरे करुण हृदय की पुकार सुनो।
#प्रकाशित
मेरे करुण हृदय की पुकार सुनो।
ख़फ़ा हो तुम,
मेरे वजूद से
बावरी मै नहीं ,
ज्ञात हैं मुझे।
जो लिखे हैं तुक मैने ,
तुम्हारी गुणगान सुनो।
मेरे करुण हृदय……
तुम व्योम हो ,
चाँद तुम्हारे पास हैं
हजारों तारों के बीच,
न मेरा आभास हैं।
फिर भी उन हजारों में ,
मेरी कमी सुनो।
मेरे करुण हृदय……..
लिख रही क्रंदन में,
कहानी तुम्हारी प्रेम की ।
कंपित हो रहे अधर मेरे,
यह नादानी मेरे नैन की।
दे दिया हैं मैने तुम्हे,
उस खुदा का नाम सुनो।
मेरे करुण हृदय……
काश मै कली होती,
तुम अलि बन मंडराते।
शांत सिंधु सी बह चली मै,
तुम समीर बन उड़ जाते।
मेरी गीतों के लय और तान सुनो।
मेरे करुण हृदय……
यूँ मेरे चेहरे की हास देख,
न समझो ये आँखे नम नहीं।
बयाँ कर दूँगी मै किस्से सारी,
पर बावरी ये दुनिया कम नहीं।
चुप हूँ अबोध मै अभी अंजान सुनो।
मेरे करुण हृदय……
#सर्वाधिकार #सुरक्षित
#शिल्पी_सिंह❤️
शिल्पी सिंह “पोएट्री”