मेरी एक जड़ काटकर मुझे उखाड़ नही पाओगे
सत्य का झुठ से कुछ बिगाड़ नही पाओगे
निःस्वार्थ प्रेम में तुम दरार नही पाओगे
मैं बरगद का पेड़ हूं हजार जड़ें हैं मेरी
मेरी एक जड़ काटकर मुझे उखाड़ नही पाओगे
सत्य का झुठ से कुछ बिगाड़ नही पाओगे
निःस्वार्थ प्रेम में तुम दरार नही पाओगे
मैं बरगद का पेड़ हूं हजार जड़ें हैं मेरी
मेरी एक जड़ काटकर मुझे उखाड़ नही पाओगे