मेरी आंखों में फिरना मत
मेरी नजरों में तुम कभी गिरना मत
जो निभा न सको वो वादा करना मत
मेरे लिए जीते रहो यही काफी है
तुम मेरी खातिर कभी मरना मत
इन्हीं मुश्किल राहों पे मंज़िल मिलेगी
तुम दुश्वारियों से बिल्कुल डरना मत
मुझसे बिछड़ते हो तो बिछड़ जाओ
रात दिन मेरी आंखों में फिरना मत
बेशक तुम ग़म में टूट जाना “अर्श”
किसी के सामने टूट के बिखरना मत