मेरी आँचल
तुम मन के मालिक हो अपने, तुम मर्जी अपनी करती हो।
तुम प्यार मुझे तो करती हो, पर खूब परेशा करती हो।।
ये दिल तेरा भी धड़के हैं, ये दिल मेरा भी धड़के हैं।
एक बात तुझे बतला दूं मैं, मैं हर पल सोचूं तुमको ही।।
तुम बहुत ही प्यारी हो आँचल, तुम दिल की धड़कन हो आँचल।
तुम मेरी सांसे हो आँचल, तुम मुझको प्यारी हो आँचल।।
तुम मुझको भी तो प्यार करो, तुम मेरा अब ऐतबार करो।
तुम मेरी अब बन जाओ ना, तुम मुझमें ही खो जाओ ना।।
तुम क्यों मुझको तड़पाती हो, तुम प्यार नहीं कर पाती हो।
तुम भाव बहुत अब खाती हो, तुम ऐसा क्यों ऐसे तड़फाती हो।।
ललकार भारद्वाज