मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है
कभी उस का अगर कोई भी सपना टूट जाता है
मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है
तुझे अब कैसे समझाएं है तेरे बाद ये हालत
ख़िज़ाँ में जिस तरह टहनी से पत्ता टूट जाता है
परेशाँ हूँ कोई आये और आ के मुझको बतलाये
ये मुझ में क्या है जो हर दिन ज़रा सा टूट जाता है
भरोसा इस ज़माने पर तो मैं भी करता हूँ लेकिन
ज़रा ही देर में मेरा भरोसा टूट जाता है
चलो अच्छा है कि मुझको तेरी दुनिया नहीं दिखती
जिसे दिखती है उस का दिल ज़ियादा टूट जाता है
~Aadarsh Dubey