मेरी अंतरआत्मा थक गई
मेरी अंतरआत्मा थक गई है
इसे आराम दो
ऐ समय …
आने वाली मुश्किलों को ज़रा थाम दो
कुछ पल मुझको चैन के बिताने दो
मुझे खुद को सवारने दो
अकेली नहीं , मैं थकी-हारी हूँ
जिंदगी में समझौतों की मारी हूँ
कोई समझे तो सही
मेरे अंदर की बेचैनी को
उस चुभती हुई परेशानी को
कब तक हम सभी , बाहरी मुस्कान दिखाएँगे
अपनी अंतरआत्मा को न जाने कितना और रुलाएँगे
जिंदगी भरपूर बची हैं , चुनौतियों से
न जाने कितने बोझ के साथ अपनी अंतरआत्मा को और थकाएंगे
अभी समय मिला हैं तो हसकर जिंदगी गुजारने दो
चुनोतियाँ भुलाकर , अपनी अंतरआत्मा को कुछ पल आराम के बिताने दो
मुस्कान यादव
आयु – 16 साल