मेरा हर राज़ खोल सकता है
मेरा हर राज़ खोल सकता है
वो कुछ का कुछ भी बोल सकता है,
मैं उसके हाथ का खिलौना हूँ
वो चाहे जब ये तोड़ सकता है,
उसे है अख्तियार रस्ते में
कहीं भी ला के छोड़ सकता है,
कहानी उसके हाथ में है ,वो
कहीं से इसको मोड़ सकता है,
अगर वो सच का क़त्ल चाहेगा
तो कोई झूठ जोड़ सकता है
कि मुझमें बाक़ी कुछ न रह जाए
मुझे वो यूँ निचोड़ सकता है!!